भाई कल रात कहाँ था?
यार दोस्त के रूम पे था।
क्यूं, वहाँ क्या कुछ स्पेशल था, क्या?
नहीं भाई, पेपर था आज मेरा, तो वहाँ पढनें के लिये चला गया था, और कुछ नहीं था।
भाई पढ तो तू यहाँ भी सकता था।
हाँ पढ सकता था, लेकिन तुम लोगों का सोच के चला गया, एक तो रात भर गेम खेलोगें और खामाखाह की बातें बांधोंगे। तुम्हें ही परेशानी होती अगर पूरी रात लाईट जला के पढता तो।
अरे। ऐसा कुछ नहीं हैं, अब तू इमोश्नल हो रहा है।
भाई होता हैं ऐसा सबके साथ अगर तुम्हारी बैक आयें और तुम्हारें दोस्त पास हो जायें, तो ऐसा फील होता हैं।
हाँ यार! ये तो बात हैं। अभी मुझे वही हो रहा हैं।
नितेश वर्मा
यार दोस्त के रूम पे था।
क्यूं, वहाँ क्या कुछ स्पेशल था, क्या?
नहीं भाई, पेपर था आज मेरा, तो वहाँ पढनें के लिये चला गया था, और कुछ नहीं था।
भाई पढ तो तू यहाँ भी सकता था।
हाँ पढ सकता था, लेकिन तुम लोगों का सोच के चला गया, एक तो रात भर गेम खेलोगें और खामाखाह की बातें बांधोंगे। तुम्हें ही परेशानी होती अगर पूरी रात लाईट जला के पढता तो।
अरे। ऐसा कुछ नहीं हैं, अब तू इमोश्नल हो रहा है।
भाई होता हैं ऐसा सबके साथ अगर तुम्हारी बैक आयें और तुम्हारें दोस्त पास हो जायें, तो ऐसा फील होता हैं।
हाँ यार! ये तो बात हैं। अभी मुझे वही हो रहा हैं।
नितेश वर्मा
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