तुम्हें प्यार हो गया है, अब बनो मत।
अरे जाओ, मुझे और प्यार और वो भी तुमसे। इतने बुरे दिन नहीं आयें ना मेरे और ना इस शहर के।
कुछ भी कह लो, बारिशें तो यही बताती है, जब भी आती हैं साथ तुम्हारा ही ख्याल ले आती है।
ये क्या बकवास है, बारिश और मेरा कनेक्शन तो दूर-दूर का भी नहीं है। ये ना तुम्हारी फिर से कोई फजूल सा ख्याल का ख्वाब हैं।
इशशशश! कितनी फिल्मी बातें किया करते हों, जाँ लेने का इरादा है क्या।
फिल्मी नहीं है, मैंने खुद लिखा है।
अरे, तो बेवकूफ कभी मेरे लिये कुछ क्यूं नहीं लिखते।
तुम्हारे लिये, हाहाहाहा। मतलब मैं तुम्हारे लिये कुछ लिखूँ, क्या लिखूंगा मैं तुम्हारे लिये के तुम एक चुड़ैल हो जो नागिन बनके मेरे गले से हमेशा लिपटी रहती हो। अरे, मेरी दीवानी शक्लों-सूरत पे शायरी होती है, बदहाली और जबरदस्ती से बस गाली ही निकलती है।
हाय। तो फिर ऐसा ही लिखा करो ना, तुमसे अपने बारे में सुनना कितना अच्छा लगता है।
अब तुम जाओ जो करने आयी हो करो और मुझे बख्श दो, प्लीज।
चलो, अभी तो मैं जल्दी में हूँ इसलिए जा रही हूँ कल फिर आऊंगी।
हाँ-हाँ। ठीक है, पर अभी के लिये मेरा पीछा छोड़ो।
नितेश वर्मा
अरे जाओ, मुझे और प्यार और वो भी तुमसे। इतने बुरे दिन नहीं आयें ना मेरे और ना इस शहर के।
कुछ भी कह लो, बारिशें तो यही बताती है, जब भी आती हैं साथ तुम्हारा ही ख्याल ले आती है।
ये क्या बकवास है, बारिश और मेरा कनेक्शन तो दूर-दूर का भी नहीं है। ये ना तुम्हारी फिर से कोई फजूल सा ख्याल का ख्वाब हैं।
इशशशश! कितनी फिल्मी बातें किया करते हों, जाँ लेने का इरादा है क्या।
फिल्मी नहीं है, मैंने खुद लिखा है।
अरे, तो बेवकूफ कभी मेरे लिये कुछ क्यूं नहीं लिखते।
तुम्हारे लिये, हाहाहाहा। मतलब मैं तुम्हारे लिये कुछ लिखूँ, क्या लिखूंगा मैं तुम्हारे लिये के तुम एक चुड़ैल हो जो नागिन बनके मेरे गले से हमेशा लिपटी रहती हो। अरे, मेरी दीवानी शक्लों-सूरत पे शायरी होती है, बदहाली और जबरदस्ती से बस गाली ही निकलती है।
हाय। तो फिर ऐसा ही लिखा करो ना, तुमसे अपने बारे में सुनना कितना अच्छा लगता है।
अब तुम जाओ जो करने आयी हो करो और मुझे बख्श दो, प्लीज।
चलो, अभी तो मैं जल्दी में हूँ इसलिए जा रही हूँ कल फिर आऊंगी।
हाँ-हाँ। ठीक है, पर अभी के लिये मेरा पीछा छोड़ो।
नितेश वर्मा
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